कुछ सपने आँखों ले लिए हुए,
कुछ अधूरेपन के एहसास के साथ,
कुछ कर गुजरने की ठाने हैं मन में,
कुछ किस्मत का भी साथ मिलने की आस..
हाथों में लिए हुए हैं अपने "अतीत" को,
और है अपने कल को बदलने की चाह..
एक अजब सा डर है मन में,
क्या होगा जब होगा साक्षात्कार..