बोलो यह क्यों होता है,
देते हैं फल जिसको ही हम
वही कुठारी चुभोता है |
मैंने बोलै वृक्षराज से
दुनिया मतलब वाली है,
प्यार है इनकी जुबां पे लेकिन
दिल से बिलकुल खाली हैं|
मिले फायदा जिससे जब तक,
पूछ तभी तक होती है,
काम निकल आये फिर समझो,
उसकी किस्मत फूटी है|
करते हैं सत्कार अश्व का,
जीतता जब तक बाजी है,
चोट लगे लेकिन बाजी में,
मिलता फिर बस कसाई है |
करना न विश्वास किसी पर,
दुनिया मुखौटे वाली है,
छुपा रखे हैं खंजर सबने,
कहते हैं हम माली हैं |