Thursday, September 25, 2014

मेरी जिंदगी मुझको इतना बता दे

मेरी जिंदगी मुझको इतना बता दे,
किये तूने क्यों मुझ पे इतने सितम। 
है मांगे थे बस मैंने दो पल ख़ुशी के,
दिए तूने मुझको बहुत सारे गम। 
मेरी जिंदगी मुझको इतना बता दे.… 


जहाँ देखूं दिखता है बस अब अँधेरा,
न जाने कभी होगा उजला सवेरा,
निगाहें मेरी रोशनी को ही तरसे,
मेरे दिल में खुशियों के अरमान बरसे,
जरा सा उजाला दिखा दे मुझे अब,
है कर दे मुझी पर अब इतना रहम । 
मेरी जिंदगी मुझको इतना बता दे.… 

लगता है जैसे है सपना कोई ये,
बिखरती नहीं पल में यूँ जिंदगी ये,
सुबह होगी फिर टूट जाएगा सपना,
ख़ुशी से भरा होगा जीवन ये अपना,
करूँ मैं प्रतीक्षा बस उस घड़ी की,
"हकीक़त" से जब होगा मेरा मिलन।
मेरी जिंदगी मुझको इतना बता दे.… 

No comments:

Post a Comment