Wednesday, December 16, 2015

कुछ तुम कह दो

कुछ मैं कहूँ और कुछ तुम कह दो,
इस ख़ामोशी को अब ख़ामोशी न रहने दो,
दिल में जो एहसास है उसे दिल में क्या रखना,
शब्दों की धारा इन लबों से बहने दो । 

चलते हैं हमसफ़र साथ में जब,
चुप्पी राहों को कठिन ही बनाये,
दो लफ्ज चल जाए उस दूरी को,
जो कोई और भी चल न कर पाये,
मन में जो आये उस लबों पे रखो,
दिल की बातों को दिल में रहने दो,
कुछ मैं कहूँ और कुछ तुम कह दो,
इस ख़ामोशी को अब ख़ामोशी न रहने दो,

Sunday, November 1, 2015

क्यों?

सुनते आये हैं के देश के लिए जान दे दो,
पर सवाल मेरा है कि आखिर क्यों?
क्या दिया है उसने जो देती नहीं ये धरती,
जमीन बांटने का फिर शौक चढ़ा था क्यों?

कहते हैं बड़े कि धर्म का पालन करो,
उपवास रखो या फिर रोजे करो,
सिखाया क्या उसने जो इंसानियत नही सिखाती,
विचार बांटने का फिर शौक चढ़ा था क्यों?


भाषा का ईजाद किया तो खुश हो गए,
पर इतनी कि एक दूजे को समझ नही सकते,
बेहतर वो हैं जिनकी एक भाषा है,
फिर भी अपनी पीठ थपथपाते हैं क्यों?

सुना है कि इंसान महान प्राणी है,
सभी जानवरो से ये कहीं बेहतर है,
दिमाग चलाया तो बिना बात के लड़ने लगा,
इंसान होकर "टूटे" तो फिर महान क्यों?

 देश,धर्म, भाषा सब एक जैसे हैं,
इंसान को इंसान से दूर करते हैं,
अगर एक होते तो इतने झगडे न होते,
फिर और बांटने की चाह हमें है क्यों?


Thursday, September 10, 2015

जिसे जो कहना है कहता है


जिसे जो कहना है कहता है,
पर दिल न किसी से डरता है
इस दिल की यही तमन्ना है,
ये तेरे लिए आहें भरता है,
जिसे जो कहना है कहता है|

मेरी आँखों में सपने तेरे,
मेरे दिल की धड़कन तू ही है,
जब न देखें तुझको तो ये,
आँखे न चैन से सोयी हैं,
एक कसक सी उठती है उस दिन,
जब न होता दीदार तेरा,
हैं मर्ज कई पर एक ही है,
तेरा चेहरा ही उपचार मेरा,
तू पास रहे हर दिन हर पल,
अब रग रग यही ही कहता है,
इस दिल की यही तमन्ना है,
ये तेरे लिए आहें भरता है,

Saturday, August 15, 2015

कोई मिला है

कोई मिला है , मुझे वो भाया है ,
दिल में समाया है ,अपना बनाया है। 
मेरी धड़कन में , मेरी तड़पन में,
हर लम्हा अब वो ही बस छाया है। 
कोई मिला है , मुझे वो भाया है ,
दिल में समाया है, अपना बनाया है। 

नहीं खबर है मुझको ज़माने की,
करना क्या है मुझको इससे ,
जिसको मैने दिल ये दिया है,
मुझे तो अब मतलब है उससे,
यही अब अरमा है, यही तमन्ना है,
बाँहो में भरने को मन ललचाया है।
कोई मिला है , मुझे वो भाया है,
दिल में समाया है, अपना बनाया है। 

दिल में एक तूफां सा है अब,
उसकी ही जैसे कमी थी अब तक,
कभी तो आएगी सोचा था मैंने,
हो जाऊंगा जिसमे ही मैं रत,
नहीं कभी जाने दूंगा में उसको, 
जिसने मुझको इतना सताया है। 
कोई मिला है , मुझे वो भाया है,
दिल में समाया है, अपना बनाया है।

Thursday, August 6, 2015

कुछ पल की यह जिंदगानी है

कुछ पल की यह जिंदगानी है,
इक छोटी अधूरी कहानी है,
हर लम्हा जी लो जी भर कर,
वापस न फिर यह आनी है । 
कुछ पल की यह जिंदगानी है। 
 
क्या पाओगे तुम रोकर के,
बस खो दोगे कुछ लम्हे ये,
जो मिले हैं तुम्हे वो कम ही हैं,
क्यों बिताओ न खुश रहकर के,
ख़ुशी मिलती नही बस रोने से,
यह आदत इसकी पुरानी है,
कुछ पल की यह जिंदगानी है.। 

कोई गम भी दे तो सह लेना,
कभी आँखों से पानी गिराना मत,
कर लोगे तुम बस इतना अगर,
युहीं जायेगा ये सफर फिर कट,
गम और ख़ुशी दो पहलू हैं,
जीवन की यही निशानी है,

कुछ पल की यह जिंदगानी है.।

Monday, July 20, 2015

दुनिया उनकी मेहरबान है

कुछ धुंधली सी पहचान है,
पर खुद पर ही अभिमान है,
चलते हैं जैसे चलाते जग,
और इसी की झूठी शान है। 
कहते हैं दिया है हमने बहुत,
दुनिया को हम पर नाज है,
नही हुआ कभी ऐसा कोई,
बस बोलता जिसका काज है,
ये शोर मचाते फिरते हैं,
करते हैं लेकिन कुछ भी नहीं,
है दोष लगाते औरों पर,
कि करने देते कुछ भी नहीं,
जो करते हैं वो बोले नहीं,
कर्म ही उनकी जुबान है,
ये कर्मी ही है चलाते जग,
दुनिया उनकी मेहरबान है। 

Thursday, July 9, 2015

ख़्वाहिश है गर आसमां छूने की

कहते है सपने देखता हूँ बहुत मैं,
सोचता हूँ बहुत ऊंचा उड़ने की,
गलत है क्या जरा मुझको बताओ,
ख़्वाहिश है गर आसमां छूने की,

पंख नहीं है आज परवाह नही है,
उड़ने के लिए पंख नहीं चाहिए,
बस थोड़ा हौसला ही काफी है,
उड़ने को एक मन निडर चाहिए,

आये कोई तूफ़ान तो आ जाने दो,
गिरे गर आसमान तो गिर जाने दो,
उसी तूफ़ान को अपने पंख बना लूंगा,
मौत अगर टकराये तो टकराने दो । 

पाना है वही जो लगता नामुमकिन है,
कोशिश करे कोई कितना भी रोकने की,
नजर है वहीँ जहाँ मंजिल मेरी है,
फुर्सत नहीं और कुछ भी सोचने की । 
गलत है क्या जरा मुझको बताओ,
ख़्वाहिश है गर आसमां छूने की। 




Thursday, May 28, 2015

तेरी मंजिल अभी भी दूर है

नहीं रुकना कभी भी राहों में,
तेरी मंजिल अभी भी दूर है,
नहीं सुनना बातें दुनिया की,
तुझे रोकने को मजबूर है,
तू अथक परिश्रम करता है,
ये इससे देखा जाता नहीं,
कहती है कि ये साथ में है,
पर करनी इसकी और कहीं,
करना वो जो मन में आये,
चाहे कहे कोई की गलत है ये,
करना तुम भरोसा खुद पे ही,
जब घडी फैसले की आये,
पाओगे मंजिल खुद से ही,
दुनिया का यही उसूल है,
नहीं रुकना कभी भी राहों में,
तेरी मंजिल अभी भी दूर है। 

Saturday, May 23, 2015

यूँ ही चलती रहे ये जिंदगी

यूँ ही चलती  रहे ये  जिंदगी,
ये रुके न किसी के रोकने से,
ये अलग थलग कर दे तुझको,
जो चलो न लेकर साथ इसे,
वो हँसे जो चलता साथ में हैं,
नहीं रुकता थककर हारने से,
वो रोता है पथ में गिरकर,
जो छोड़ के इसका हाथ चले।

कभी दर्द भरे पल देती ये,
कभी खुशियों का एहसास भरे,
जो भागे दर्द से जितना ही,
खुशियों को उतना दूर करे। 
गर पाना है पल खुशियों के,
सहने होंगे पल दर्द भरे,
जो सहे उसे मिलती है ख़ुशी,
जो भागे हर पल रुदन करे। 
यूँ ही चलती  रहे ये  जिंदगी,
ये रुके न किसी के रोकने से। 

करना जो है वो आज करो,
कल आया कभी न आएगा,
जो इंतज़ार करता इसका,
वो बाद में बस पछतायेगा। 
पल पल करके यह जिन्दगी,
है दूर कहीं बढ़ जाएगी,
बस अंधकार होगा फिर बस,
मंजिल न नजर कहीं आएगी,
अभी पल है कुछ करके जाओ,
होगा न फिर कुछ रोने से,
यूँ ही चलती  रहे ये  जिंदगी,
ये रुके न किसी के रोकने से।

Sunday, May 17, 2015

तुझ पे कुर्बां मेरी जान

मेरी आँखों का काजल हो,
और अधरों की मुस्कान,
तुम जिंदगी हो मेरी,
तुझ पे कुर्बां मेरी जान,
न मुझसे जुदा होना,
है कसम तुझे मेरी,
तू रहे सदा मेरे संग,
यही दुआ करे मेरी जान,
तुम जिंदगी हो मेरी,
तुझ पे कुर्बां मेरी जान। 

आये हो जिंदगी में,
कुछ इस तरहा से तुम,
बस याद रही  तेरी,
गया सारा जहाँ कहीं गुम,
तुझे देखूं हर पल मैं,
है यही मेरा अरमान,
तुम जिंदगी हो मेरी,
तुझ पे कुर्बां मेरी जान।

बस एक तमन्ना है,
तू रहे सदा मेरे संग,
मेरी नीरस दुनिया में,
तूने ही भरा है रंग,
मैं तेरे लिए हूँ अब,
मेरा हल पल है तेरे नाम,
तुम जिंदगी हो मेरी,
तुझ पे कुर्बां मेरी जान।

Saturday, May 2, 2015

आजमा के तो देखो

दूर बहुत दूर हो मंजिल कितनी भी,
बस एक कदम बढाकर तो देखो,
आसां लगेगी हर राह तुमको,
बस खुद को आजमा के तो देखो। 

तम के हो बादल कितने भी गहरे,
तब तक रहेंगे जब तुम हो ठहरे,
चहुँ ओर होगी बस रोशनी ही,
दिल में लौ को जलाकर तो देखो । 
आसां लगेगी हर राह तुमको,
बस खुद को आजमा के तो देखो।

मिलते बहुत हैं जो कहते हैं दुनिया,
में इंसानियत बस किताबों में हैं अब,
करते हैं क्या वो खुद ये जो पूछो,
कहते हैं होगा क्या बस एक से ही,
कहता हूँ उनसे मैं इतना सा ही कि,
एक बार कोशिश करके तो देखो,
होंगे हजारों पीछे तुम्हारे,
इंसानियत पथ पे चल कर तो देखो ।

लड़ते हमेशा हैं औरों से हम तो,
बस देखते हैं उनकी ही गलती,
पर भूल जाते हैं एक बात हम कि ,
बजती नहीं ताली एक हाथ से ही ,
चारों तरफ होगा शांति का आँगन, 
औरों को बस तुम समझकर तो देखो,
जो चाहो तुम तुमको वो ही मिलेगा,
एक बार खुद भी देकर तो देखो । 
दुनिया लगेगी बस स्वर्ग सी ही,
शांति के पथ पर गुजरकर तो देखो, 
आसां लगेगी हर राह तुमको,
बस खुद को आजमा के तो देखो।

Friday, May 1, 2015

दुनिया से लड़ जाना तुम



ये जिंदगी है तेरी, खुश रह के बिताना तुम,
कभी सामना हो गम का, उसे हंस कर सह जाना तुम,
यह रीत है दुनिया की, नहीं परवाह करे कोई,
जब पाना हो मंजिल, दुनिया से लड़ जाना तुम ।  

ना रखना यहाँ कभी,आसा राह में फूलों की,
फूलों से हो राह भरी, वहां तो जाए हर कोई,
मगर ये फूल भरी राहें,कभी न मंजिल तक जाएँ,
जो जाए इन राहों पे, वो फिर बाद में पछताएँ,
गर राह में हो कांटे, तो कांटो से है जाना तुम,
जब पाना हो मंजिल, दुनिया से लड़ जाना तुम ।

जो  हैं कांटे भरी हुयी, नहीं हैं आसान वो राहें,
जो चलते इन राहों पे, हर पल आंसूं वो पाएं,
मगर यह याद रखना तुम, नहीं है आंसू की कीमत,
निकले जिस पल आँखों से, ये बस व्यर्थ में ही जाएँ,
जब आये दर्द के ये आंसू, न  दुनिया को दिखाना तुम,
जब पाना हो मंजिल, दुनिया से लड़ जाना तुम ।

न ये समझ सकोगे तुम, क्यों सहना है दर्द तुम्हे,
हर एक राह मंजिलों की, भरी काँटों से क्यों ये हैं,
फूलों से तो गुजरे सभी, नहीं कोई काँटों को छेड़े,
 जो अनमोल है जीवन में, उसे पाना बस मुस्किल है,
जब पाओगे मंजिल, तभी ये समझ पाओगे तुम,
जब पाना हो मंजिल, दुनिया से लड़ जाना तुम ।

Thursday, April 30, 2015

फिर किसी बहाने से

एक बार बस मुस्कुरा तो दो,
आज फिर किसी बहाने से,  
क्या मिलता है आपको सनम,
हमें यूँ ही आजमाने से,
एक बार बस मुस्कुरा तो दो,
आज फिर किसी बहाने से।

माना कि हम हर पल,
तेरे दीदार को तरसते हैं,
जिस रास्ते है तेरा घर,
बेवजह उसी रास्ते से गुजरते हैं।
कभी आहट तो दो अपने आने की,
आस लगा के बैठे हैं जमानो से,
एक बार बस मुस्कुरा तो दो,
आज फिर किसी बहाने से।

जानते हैं की बहुत सारे हैं,
दुनिया में तेरे चाहने वाले,  
पर जो साथ दे हमेशा तेरा,
मिलेंगे नही चाहे दुनिया खंगाले,
बस मेरा हाथ थामके तो देखो,
छोड़ेंगे नही दुनिया के आजमाने से,
एक बार बस मुस्कुरा तो दो,
आज फिर किसी बहाने से।

तेरी सूरत पे तो लाखों फ़िदा हैं,
हम तो तेरी सीरत के कायल हैं,
ये क्या यह तो नहीं जानते,
चोट लगे तुझे और होते हम घायल हैं,
रब सलामत रखे युहीं हमेशा तुझको,
गम को रखे दूर सदा तेरी राहों से,
एक बार बस मुस्कुरा तो दो,
आज फिर किसी बहाने से।