Saturday, May 23, 2015

यूँ ही चलती रहे ये जिंदगी

यूँ ही चलती  रहे ये  जिंदगी,
ये रुके न किसी के रोकने से,
ये अलग थलग कर दे तुझको,
जो चलो न लेकर साथ इसे,
वो हँसे जो चलता साथ में हैं,
नहीं रुकता थककर हारने से,
वो रोता है पथ में गिरकर,
जो छोड़ के इसका हाथ चले।

कभी दर्द भरे पल देती ये,
कभी खुशियों का एहसास भरे,
जो भागे दर्द से जितना ही,
खुशियों को उतना दूर करे। 
गर पाना है पल खुशियों के,
सहने होंगे पल दर्द भरे,
जो सहे उसे मिलती है ख़ुशी,
जो भागे हर पल रुदन करे। 
यूँ ही चलती  रहे ये  जिंदगी,
ये रुके न किसी के रोकने से। 

करना जो है वो आज करो,
कल आया कभी न आएगा,
जो इंतज़ार करता इसका,
वो बाद में बस पछतायेगा। 
पल पल करके यह जिन्दगी,
है दूर कहीं बढ़ जाएगी,
बस अंधकार होगा फिर बस,
मंजिल न नजर कहीं आएगी,
अभी पल है कुछ करके जाओ,
होगा न फिर कुछ रोने से,
यूँ ही चलती  रहे ये  जिंदगी,
ये रुके न किसी के रोकने से।

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