Thursday, May 28, 2015

तेरी मंजिल अभी भी दूर है

नहीं रुकना कभी भी राहों में,
तेरी मंजिल अभी भी दूर है,
नहीं सुनना बातें दुनिया की,
तुझे रोकने को मजबूर है,
तू अथक परिश्रम करता है,
ये इससे देखा जाता नहीं,
कहती है कि ये साथ में है,
पर करनी इसकी और कहीं,
करना वो जो मन में आये,
चाहे कहे कोई की गलत है ये,
करना तुम भरोसा खुद पे ही,
जब घडी फैसले की आये,
पाओगे मंजिल खुद से ही,
दुनिया का यही उसूल है,
नहीं रुकना कभी भी राहों में,
तेरी मंजिल अभी भी दूर है। 

Saturday, May 23, 2015

यूँ ही चलती रहे ये जिंदगी

यूँ ही चलती  रहे ये  जिंदगी,
ये रुके न किसी के रोकने से,
ये अलग थलग कर दे तुझको,
जो चलो न लेकर साथ इसे,
वो हँसे जो चलता साथ में हैं,
नहीं रुकता थककर हारने से,
वो रोता है पथ में गिरकर,
जो छोड़ के इसका हाथ चले।

कभी दर्द भरे पल देती ये,
कभी खुशियों का एहसास भरे,
जो भागे दर्द से जितना ही,
खुशियों को उतना दूर करे। 
गर पाना है पल खुशियों के,
सहने होंगे पल दर्द भरे,
जो सहे उसे मिलती है ख़ुशी,
जो भागे हर पल रुदन करे। 
यूँ ही चलती  रहे ये  जिंदगी,
ये रुके न किसी के रोकने से। 

करना जो है वो आज करो,
कल आया कभी न आएगा,
जो इंतज़ार करता इसका,
वो बाद में बस पछतायेगा। 
पल पल करके यह जिन्दगी,
है दूर कहीं बढ़ जाएगी,
बस अंधकार होगा फिर बस,
मंजिल न नजर कहीं आएगी,
अभी पल है कुछ करके जाओ,
होगा न फिर कुछ रोने से,
यूँ ही चलती  रहे ये  जिंदगी,
ये रुके न किसी के रोकने से।

Sunday, May 17, 2015

तुझ पे कुर्बां मेरी जान

मेरी आँखों का काजल हो,
और अधरों की मुस्कान,
तुम जिंदगी हो मेरी,
तुझ पे कुर्बां मेरी जान,
न मुझसे जुदा होना,
है कसम तुझे मेरी,
तू रहे सदा मेरे संग,
यही दुआ करे मेरी जान,
तुम जिंदगी हो मेरी,
तुझ पे कुर्बां मेरी जान। 

आये हो जिंदगी में,
कुछ इस तरहा से तुम,
बस याद रही  तेरी,
गया सारा जहाँ कहीं गुम,
तुझे देखूं हर पल मैं,
है यही मेरा अरमान,
तुम जिंदगी हो मेरी,
तुझ पे कुर्बां मेरी जान।

बस एक तमन्ना है,
तू रहे सदा मेरे संग,
मेरी नीरस दुनिया में,
तूने ही भरा है रंग,
मैं तेरे लिए हूँ अब,
मेरा हल पल है तेरे नाम,
तुम जिंदगी हो मेरी,
तुझ पे कुर्बां मेरी जान।

Saturday, May 2, 2015

आजमा के तो देखो

दूर बहुत दूर हो मंजिल कितनी भी,
बस एक कदम बढाकर तो देखो,
आसां लगेगी हर राह तुमको,
बस खुद को आजमा के तो देखो। 

तम के हो बादल कितने भी गहरे,
तब तक रहेंगे जब तुम हो ठहरे,
चहुँ ओर होगी बस रोशनी ही,
दिल में लौ को जलाकर तो देखो । 
आसां लगेगी हर राह तुमको,
बस खुद को आजमा के तो देखो।

मिलते बहुत हैं जो कहते हैं दुनिया,
में इंसानियत बस किताबों में हैं अब,
करते हैं क्या वो खुद ये जो पूछो,
कहते हैं होगा क्या बस एक से ही,
कहता हूँ उनसे मैं इतना सा ही कि,
एक बार कोशिश करके तो देखो,
होंगे हजारों पीछे तुम्हारे,
इंसानियत पथ पे चल कर तो देखो ।

लड़ते हमेशा हैं औरों से हम तो,
बस देखते हैं उनकी ही गलती,
पर भूल जाते हैं एक बात हम कि ,
बजती नहीं ताली एक हाथ से ही ,
चारों तरफ होगा शांति का आँगन, 
औरों को बस तुम समझकर तो देखो,
जो चाहो तुम तुमको वो ही मिलेगा,
एक बार खुद भी देकर तो देखो । 
दुनिया लगेगी बस स्वर्ग सी ही,
शांति के पथ पर गुजरकर तो देखो, 
आसां लगेगी हर राह तुमको,
बस खुद को आजमा के तो देखो।

Friday, May 1, 2015

दुनिया से लड़ जाना तुम



ये जिंदगी है तेरी, खुश रह के बिताना तुम,
कभी सामना हो गम का, उसे हंस कर सह जाना तुम,
यह रीत है दुनिया की, नहीं परवाह करे कोई,
जब पाना हो मंजिल, दुनिया से लड़ जाना तुम ।  

ना रखना यहाँ कभी,आसा राह में फूलों की,
फूलों से हो राह भरी, वहां तो जाए हर कोई,
मगर ये फूल भरी राहें,कभी न मंजिल तक जाएँ,
जो जाए इन राहों पे, वो फिर बाद में पछताएँ,
गर राह में हो कांटे, तो कांटो से है जाना तुम,
जब पाना हो मंजिल, दुनिया से लड़ जाना तुम ।

जो  हैं कांटे भरी हुयी, नहीं हैं आसान वो राहें,
जो चलते इन राहों पे, हर पल आंसूं वो पाएं,
मगर यह याद रखना तुम, नहीं है आंसू की कीमत,
निकले जिस पल आँखों से, ये बस व्यर्थ में ही जाएँ,
जब आये दर्द के ये आंसू, न  दुनिया को दिखाना तुम,
जब पाना हो मंजिल, दुनिया से लड़ जाना तुम ।

न ये समझ सकोगे तुम, क्यों सहना है दर्द तुम्हे,
हर एक राह मंजिलों की, भरी काँटों से क्यों ये हैं,
फूलों से तो गुजरे सभी, नहीं कोई काँटों को छेड़े,
 जो अनमोल है जीवन में, उसे पाना बस मुस्किल है,
जब पाओगे मंजिल, तभी ये समझ पाओगे तुम,
जब पाना हो मंजिल, दुनिया से लड़ जाना तुम ।