तुम जो मुझसे मुस्कुराकर बात करते हो,
सच बताऊँ मेरे दिल पे घात करते हो,
मेरे दिल के चैन को यूँ लूटने वाले,
लूटकर भी क्यों भला अनजान बनते हो ।
देखकर तेरी हँसी अब चैन मिलता है ,
सोचकर ही बस तुझे अब दिल ये खिलता है,
हर अदा तेरी हमें बस मार डाले यूँ,
फिर भी तुझको देखने को दिल तरसता है ।
न मिलो जो तुम कभी तो चैन न आये,
बात तुमसे न करू तो दिल ये घबराए,
काश ऐसा हो की तुम बस पास हो हर पल,
फिर बस तुमको नैन मेरे देखते जाए।
लफ्ज़ तेरे लगते मुझको अब तो सरगम से,
खो मैं जाऊं जब तुम मुझसे बात करते हो,
जाते लुट जब देखते तेरी अदाकारी,
और लूटकर फिर तुम खुद पे नाज करते हो ।
मेरे दिल के चैन को यूँ लूटने वाले,
लूटकर भी क्यों भला अनजान बनते हो ।
सच बताऊँ मेरे दिल पे घात करते हो,
मेरे दिल के चैन को यूँ लूटने वाले,
लूटकर भी क्यों भला अनजान बनते हो ।
देखकर तेरी हँसी अब चैन मिलता है ,
सोचकर ही बस तुझे अब दिल ये खिलता है,
हर अदा तेरी हमें बस मार डाले यूँ,
फिर भी तुझको देखने को दिल तरसता है ।
न मिलो जो तुम कभी तो चैन न आये,
बात तुमसे न करू तो दिल ये घबराए,
काश ऐसा हो की तुम बस पास हो हर पल,
फिर बस तुमको नैन मेरे देखते जाए।
लफ्ज़ तेरे लगते मुझको अब तो सरगम से,
खो मैं जाऊं जब तुम मुझसे बात करते हो,
जाते लुट जब देखते तेरी अदाकारी,
और लूटकर फिर तुम खुद पे नाज करते हो ।
मेरे दिल के चैन को यूँ लूटने वाले,
लूटकर भी क्यों भला अनजान बनते हो ।